राजस्थान का सबसे बड़ा छात्रवृत्ति घोटाला, जो गहलोत सरकार के समय हुआ था, भजनलाल सरकार कर रही वसूली

जयपुर
राजस्थान का सबसे बड़ा छात्रवृत्ति घोटाला, जो पूर्ववर्ती अशोक गहलोत सरकार के वक्त का था, उसमें भजनलाल सरकार ने 2 करोड़ 22 लाख रुपये से अधिक की वसूली आरोपी छात्रों से 18 मार्च 2025 तक कर ली है । जबकि अभी भी 337 आरोपी छात्रों से छात्रवृत्ति की वसूली करनी बाकी है । यह छात्रवृत्ति घोटाला शैक्षणिक वर्ष 2021-22 और 2022-23 का है ।
सामाजिक न्याय अधिकारिता विभाग के सूत्रों के मुताबिक पूरे प्रदेश में जांच के दौरान 10248 संदिग्ध मामले छात्रवृत्ति लेने के पकड़े गए थे । इसमें से 1654 मामले वसूली के योग्य पाए गए थे। इसमें से अब तक गलत तरीके से छात्रवृत्ति लेने वाले 1075 छात्रों से 2 करोड़ 22 लाख 49 हजार 554 रुपये वसूली हो चुकी है । वहीं जांच के बाद सामाजिक न्याय अधिकारिता विभाग ने 311 शिक्षण संस्थानों को ब्लैकलिस्ट भी कर दिया था । जांच के दौरान पता चला कि सबसे ज्यादा मामले जयपुर ग्रामीण से थे । यहां पर 2928 संदिग्ध तरीके से छात्रवृत्ति लेने के पकड़े गए थे । जिसमें से 310 वसूली के योग्य पाए गए । इसमें से अब तक 266 आरोपी छात्रों से 9807008 रुपये की वसूली हो चुकी है,जबकि 44 छात्रों से वसूली की कार्य प्रक्रियाधीन है । वहीं जयपुर ग्रामीण के बाद दौसा जिले में 1752 संदिग्ध मामले छात्रवृत्ति लेने के पकड़े गए थे । इसमें से 469 केस वसूली के योग्य पाए गए इसमें से 449 छात्रों से 41 लाख 16 हजार 600 रुपये की वसूली हो चुकी है, जबकि 20 मामलों में वसूली की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है । वहीं सवाईमाधोपुर जिले में 1483 संदिग्ध मामले जांच के दौरान पकड़े गए थे । इसमें से 295 मामले वसूली के योग्य पाए गए थे । लेकिन सवाईमाधोपुर जिले में अभी तक 65 आरोपी छात्रों से 12 लाख 49 हजार 300 रुपये की वसूली हो सकी है, जबकि 230 छात्रों से वसूली बाकी है । साथ ही यहां पर 16 संस्थानों के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज की गई थी ।
वहीं सीकर जिले में 504 संदिग्ध मामले जांच के दौरान पकड़े गए थे । इसमें से 167 मामले वसूली के योग्य पाए गए थे । इसमें अब तक 49 छात्रों से 9 लाख 46 हजार 300 रुपये की वसूली हो चुकी है,जबकि बाकी की जानकारी जिला कार्यालय द्वारा उपलब्ध नहीं कराई गई है । वहीं सीकर जिले में एक विश्वविद्यालय समेत 8 संस्थाओं और 118 अपात्र छात्रों के खिलाफ 9 जनवरी 2024 को एफआईआर दर्ज करवाई गई थी । जांच रिपोर्ट के मुताबिक भरतपुर जिले में 122 संदिग्ध मामले पकड़े गए थे । जिसमें से 33 वसूली योग्य पाए गए थे। इसमें से 27 केसों में अब तक 4 लाख 72 हजार 544 रुपये की वसूली कर ली गई है, जबकि 5 मामलों में वसूली कार्यवाही प्रक्रियाधीन है ।
वहीं झुंझुनूं जिले में 207 संदिग्ध मामलों में से 84 मामले वसूली के योग्य चिह्नित किए गए थे । इसमें से अब तक 55 आरोपी छात्रों से 18 लाख 65 हजार 550 रुपये की वसूली हो चुकी है ।

India Edge News Desk

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